Short Story: How to Control Anger
In this blog we’ll get to know the best story of controlling our anger. The story name is “How to control anger”
Paragraph:1
यह कहानी है एक छोटी सी बच्ची की जिसको बहुत गुस्सा आता था। बात बात पर गुस्सा आता था और जब उसको गुस्सा आता था तो यह नहीं देखती थी कि सामने वाला इंसान कौन है और जो उसके मन में आता था वह सब बोल देती थी। कई कई बार तो वह चीजों को उठाती थी और जमीन पर फेंक कर तोड़ देती थी। उसके मां-बाप बहुत परेशान हो गए थे। उसकी ये हरकत को देखकर उनको समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें और क्या ना। उन्होंने बहुत कोशिश की उस बच्ची को समझाने की लेकिन वह बच्ची समझ ही नहीं रही थी।
This is the story of a little girl who used to get very angry. She would get angry over petty things and when she would get angry, she did not see who was the person standing before her, and she would say everything that would come in her mind. Sometimes she would pick up things and break them by throwing them on the ground. Having seen such madness of hers, His parents were very upset. They could not understand what to do and what not. They tried a lot to explain to their daughter but that she was not getting anything.
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Paragraph:2
फिर एक दिन उसके मां ने उसके ट्यूशन टीचर से बात करी क्योंकि ट्यूशन टीचर ही वह एक थी जिसकी बात वह बच्ची सुनती थी, तो उसकी टीचर ने उसके मां की सारी बातें को सुना और कहा की आप चिंता मत करो आने वाले कुछ दिनों के अंदर ही इस बच्ची का सारा गुस्सा खत्म हो जाएगा । उसकी मां को कुछ समझ नहीं आया लेकिन फिर भी उन्होंने कहा कि कोशिश करने में क्या जाता है। फिर एक दिन रोज की तरह टीचर आई और क्लास शुरू होने ही वाला था की टीचर ने उस बच्ची से कहा कि आज हम पढ़ाई नहीं करेंगे बल्की आज हम एक गेम खेलेंगे ।
Then one day her mother talked to her tuition teacher because the tuition teacher was the only one whom she used to listen to, then her teacher listened to all the things of her mother and said that you do not worry within the coming few days she would stop getting angry thoroughly. Her mother did not understand anything but still, she said what goes into trying. Then one day the teacher came as usual and the class was about to start when the teacher told the girl that today we would not study, but today we would play a game.
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Paragraph:3
बच्ची यह सुनकर बहुत खुश हो गई फिर टीचर बच्ची के साथ, उस घर के पीछे एक दीवाल के पास में जा करके खड़ी हो गई और उस बच्ची को कहा कि गेम यह है कि जब भी तुम्हें गुस्सा आए तुम्हें एक कील लेनी है और यहां पर आकर के इस दीवाल में गाड़ देनी है थोड़ी सी जितनी हो सके फिर उस बच्ची ने टीचर से पूछा इससे क्या होगा तो टीचर ने कहा कि जब यह गेम खत्म हो जाएगी तो तुम्हें अंत में एक उपहार मिलेगा ।इस बच्ची ने बिल्कुल वैसा ही किया जैसा कि उस टीचर ने कहा था ।
The girl was very happy to hear this, then the teacher, along with the girl, went to the back of that house and stood near a wall and told the girl the game is that whenever you get angry you have to take a nail, come here, and hammer it into this wall as little as possible, then that girl asked the teacher what would happen by doing this. The teacher then said that when this game is over, you would get a gift at the end. This girl did exactly as she was said.
Paragraph:4
अब जब भी उसको गुस्सा आता तो वह जाती और जाकर एक कील उस दीवाल में गाड़ देती तो जैसा कि उस लड़की को बहुत गुस्सा आता था तो पहले ही दिन वहां पर 10 से ज्यादा कीलें गड़ गई लेकिन किलो को गाड़ने के लिए उसको बार-बार पीछे जाना पड़ता और जाकर उस कील को गाड़ना पड़ता।तो उसके दिमाग में आया कि जितनी मेहनत में लगाता हूं किलो को गाड़ने में उससे कम मेहनत में, मैं अपने गुस्से को कंट्रोल कर सकती हूं ।
Now whenever she would get angry, she would go and hammer a nail into that wall, so as that girl used to get very angry, then on the very first day more than 10 nails were hammered there but in order to hammer the nails, she had to step back again and again. Having stepped back, she had to take a nail and hammer it into the wall so it came to her mind that I can control my anger with less effort than the amount of effort I put into hammer a nail.
Paragraph:5
अगले दिन 8 कीलें गड़ी, उसके अगले दिन 6 कीलें फिर 4 फिर 3,2 फिर 1और फिर एक ऐसा भी दिन आया जब एक भी बार उसको गुस्सा नहीं आया और एक भी कीलें दीवाल पर नहीं गाड़ी और वह बच्ची बहुत खुश हो गई और खुशी-खुशी वह अपने टीचर के पास में गई और जा करके उनको बताया कि देखो मैम आज मैंने एक भी कील उस दीवाल में नहीं गाड़ी है क्योंकि मेरे को एक बार भी गुस्सा नहीं आया है तो टीचर ने उसको थोड़ी सी सब्बासी दी और उसके साथ में उस दीवाल के सामने जाकर के खड़ी हो गई। और उस बच्ची को कहा कि गेम अभी खत्म नहीं हुई है
The next day 8 nails were hammered, the next day 6 nails, then 5 then 4,3,2, and then 1 and at last, there was a day when she did not get angry even once and not a single nail was hammered into the wall and that girl became very happy. She went to her teacher happily and told her that look, ma’am, today I have not hammered a single nail into that wall because I have not got angry even once, so the teacher applauded her and having gone to the wall, she along with the girl stood in front of it and told the girl that the game is not over yet.
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Paragraph:6
अब तुम्हें क्या करना है कि जिस भी दिन तुमको बिल्कुल भी गुस्सा नहीं आता है उस दिन के एंड में तुम एक कील उस दीवाल से दीवाल से निकाल दोगी।बच्ची ने ठीक ऐसा ही किया लेकिन किले बहुत ज्यादा थी तो 1 महीने से भी ज्यादा समय लग गया उन सारे किलों को बाहर निकालने में और अब एक भी कील उस दीवार में नहीं बची।
Now, what you’ve to do is that the day when you do not get angry at the end of that day, you would remove a nail from that wall. The girl did exactly the same but it took more than one month to remove all the nails and now, there was not even a single nail left on that wall
Paragraph:7
अगले दिन बच्ची बहुत ही खुश होकर अपने टीचर के पास में गई और जाकर के बोली की अब उस दीवार में एक भी कील नहीं है तो टीचर बच्ची के साथ में उस दीवार के सामने जाकर खड़ी हो गई ।उसने देखा कि एक भी कील नहीं है दीवाल में फिर उसको उसकी एक फेवरेट चॉकलेट गिफ्ट करी और बोली कि तुम इस गेम को जीत गई हो।बच्ची बहुत ही खुश हो गई ।टीचर ने उस बच्ची से पूछा, “क्या तुमको इस दीवाल में कुछ नजर आ रहा है “? तो बच्ची ने कहा नहीं मैम इसमें तो कुछ भी कुछ भी नहीं है ,सारे कीलें निकल चुकी है।
The next day, the girl went to the teacher being so happy, and said that now there is not a single nail left on that wall, then having gone to the wall, she was standing in front of that wall along with the girl. She saw there is not even a single nail left on that wall. The teacher then gifted her one of her favorite chocolates and said that you have won this game. The girl became very happy. The teacher asked the girl, “could you see anything on this wall”?
then the girl said no ma’am, there is nothing on this, all the nails are removed.
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Paragraph:8
तो उस टीचर ने कहा एक बार ध्यान से देखो शायद कुछ नजर आए तो उस बच्ची ने दोबारा देखा और कहा कि जो कीलें मैनें गाड़ी थी; उसके कुछ निशान मुझे नजर आ रहे हैं। दीवाल में जब बच्ची ने ये देख लिया फिर उसकी मेम ने उस बच्ची से कहा जैसे तुमने इस दीवाल में कील गाड़ी और अब तो तुम उस कील को निकाल सकती हो लेकिन उसके निशान को नहीं मिटा शक्ति ठीक इसी तरह से होता है जब तुम गुस्सा करती हो अपने मां-बाप पर या किसी पर भी तो उनके दिल पर चोट लगती है उनको दर्द होता है वहां पर एक निशान रह जाता है उस निशान को तुम चाह कर भी हटा नहीं सकती फिर चाहे तुम उनसे जितना मर्जी माफी मांग लो। यह सुनकर बच्ची को अपनी गलती का एहसास हुआ वह रोने लगी और वह भागती हुई गई और अपनी मां के पास में जा करके उनसे गले लग गई और अपनी मां को बोली कि मैं, मैं आज के बाद कभी गुस्सा नहीं करूंगी। मुझे समझ आ गया कि मैंने क्या गलती करी और उस दिन के बाद उस बच्ची ने कभी गुस्सा नहीं किया।
So the teacher said look it once carefully, maybe you can see something, then that girl looked again and said that the nails which I had hammered, had caused some marks on it. The moment the girl saw this on the wall her teacher told her as you hammer the nails into the wall that can be removed but their marks so just like this when you get angry at your parents or even somebody else, their heart gets hurt, they feel pain, there remains always a mark, you cannot remove the mark even if you want to apologize to them as much as you want.
Having listened to this, the girl realized her mistake, she started crying and she ran away to her mother and hugged her tightly and told her mother that I would never get angry from now onwards. I understood what mistake I had made and thereafter the girl never got angry.
Thanks for reading!!
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